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Saturn Planet: A Planet With Awesome Rings | शनि ग्रह – सुन्दर छल्लों वाला ग्रह

Saturn Planet हमारे सौरमंडल का सबसे अनोखा ग्रह है जोकि अपने छल्लों की वजह से हमारे सौरमंडल का सबसे खुबसूरत ग्रह माना जाता है। ये ग्रह जुपिटर के बाद छठे नंबर पर आता है और हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह भी है।

अगर इसके अकार और भार की बात की जाए तो ये हमारी पृथ्वी से 95 गुना ज्यादा भारी भरी है, पर हमारी पृथ्वी में सबसे ज्यादा घनत्व है और जहाँ तक बात की जाए शनि ग्रह की तो शनि ग्रह इस सौरमंडल का सबसे कम घनत्व वाला ग्रह है।

Saturn Planet की Density पानी से भी कम है इसलिए हमने कई किताबों में देखा होगा कि शनि ग्रह को पानी के उपर तैरता हुआ दिखाया जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पानी से कम घनत्व वाली चीजें पानी के उपर तैरती हैं। सोच कर देखिये अगर सच में शनि ग्रह को किसी बड़े समुन्द्र में रखा जाए तो वो पानी के उपर तैरने लगेगा।

शनि ग्रह पर बहुत तेज़ हवाएं चलती हैं, जोकि हमें शनि ग्रह पर भेजे गये मिशन कैसिनी से पता चला। इसके अलावा हमें ये भी पता चला की इसके पोल पर बहुत ही अजीब तरीके से हैक्सागनल शेप की आकृति बनी हुई है। इसके अंदर का वातावरण भी बहुत रहस्यमई है।

शनि ग्रह के बहुत से चंद्रमा हैं जिनकी जानकारी हम जुटाना चाहते हैं और इसके सबसे बड़े चाँद पर तो नासा आने वाले समय में मिशन भेजना चाहता है। इसके करीब 146 चंद्रमा हैं लेकिन अभी भी हम शनि ग्रह को करीब से जानना चाहते हैं।

Saturn Planet कैसे बना

आज के इस आर्टिकल में हम सौरमंडल के उसे ग्रह की बात करने वाले हैं जो दिखने में सौरमंडल में सबसे अलग दिखाई पड़ता है। एक बहुत ही बड़े साइज वाले इस ग्रह के चारों ओर बहुत ही घने रिंग्स हैं जो इसको सौरमंडल में एक अलग पहचान देते हैं। हम बात कर रहे हैं शनि ग्रह की इसको इंग्लिश में Saturn कहा जाता है।

यह हमारे सौरमंडल में साइज के हिसाब से दूसरे नंबर पर आता है यानी कि दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। और सूर्य से दूरी के हिसाब से यह मरकरी, वीनस, पृथ्वी और मार्स के बाद पांचवें स्थान पर आता है। सौरमंडल के कई सारे ग्रहों की तरह यह ग्रह भी अपने अंदर कई सारे रहस्यों को छुपाए हुए हैं। वैज्ञानिक कौन है कई सालों की गहन रिसर्च के बाद इस ग्रह से जुड़े कई सारे रहस्य सुलझाए हैं और इसको समझने की काफी अच्छी और सफल कोशिश की है।

आज के इस आर्टिकल में हम शनि ग्रह से जुड़ी कुछ बेसिक इनफार्मेशन और इससे जुड़े कुछ बहुत ही रोचक तथ्य जानेंगे। और साथ ही यह भी जानेंगे कि इस ग्रह की एक्सप्लोरेशन के लिए वैज्ञानिकों ने क्या-क्या प्रयास किए हैं ।

Saturn planet

सेटिंग ग्रह का नाम प्राचीन रोमन सभ्यता में एक रोमन गॉड के नाम पर रखा गया था। रोमन सभ्यता में Sāturnus धन के देवता माने जाते हैं। इन्हीं के नाम पर इस ग्रह का नामकरण हुआ। शनि ग्रह के बारे में कई सदियों से इंसान को पता था। इसके चारों तरफ मौजूद रिंग्स को देखकर पुराने समय में एस्टॉनोमर्स सोच में पड़ जाते थे। अंतरिक्ष विज्ञान में शनि ग्रह के रिंग्स की और शनि ग्रह की दोनों की ही काफी गहन रिसर्च की गई है।

Saturn planet
Saturn planet

सेटर्न भी जुपिटर ग्रह की तरह एक गैस जॉइंट प्लेनेट है। इसकी कोई भी ठोस सतह नहीं है यह ज्यादातर hydrogen और helium से मिलकर बना हुआ है। सेटिंग ग्रह के बारे में एक बहुत ही रोचक बात जो है वह यह है कि इस ग्रह का घनत्व यानी की Density बहुत ही कम है। सेकंड सौरमंडल का इकलौता ऐसा ग्रह है जिसका घनत्व पानी से भी 30% कम है।

कई सारी रिसर्च से यह जरूर पता चला है कि इस ग्रह के कर में डेंसिटी इसके सरफेस में होने वाली डेंसिटी के मुकाबले ज्यादा हो सकती है और शायद इस ग्रह के पास एक ठोस कोर होने की भी संभावना है। Saturn हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा प्लेनेट है जिसका साइज 116 464 किलोमीटर है। सैटर्न का मास पृथ्वी से 95 गुना ज्यादा है।

इस ग्रह का सूर्य से डिस्टेंस करीब 1.4 billion kilometers है। इसको सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 29 साल से भी ज्यादा का समय लग जाता है।

Environment of Saturn

सैटर्न के Upper atmosphere में 96.3% molecular hydrogen है बाकी Helium है।
ammonia, acetylene और ethane भी इसके वायुमंडल में बहुत ही छोटी मात्रा में पाई जा सकती है।
इसके वायुमंडल में Amonia crystal के बदल पाए जाते हैं जो इस ग्रह में बहुत बड़ी मात्रा में मौजूद।

इस ग्रह के बादलों की कई सारी लेयर्स मौजूद हैं। upper cloud layers में जहां Amonia crystal के बदल पाए जाते हैं वहां पर तापमान करीब 100–160 Kelvin होता है। जैसे जैसे अंदर जाते हैं इस ग्रह पर प्रेशर और तापमान दोनों ही बढ़ते जाते हैं। और हमें बादलों की कई नई लेयर्स भी मिलती हैं। नीचे जाने पर हमें जो बादल मिलते हैं ammonium hydrosulfide के बने हुए होते हैं। सैटर्न पर वाइजर वन मिशन ने हवा की गति जो मापी थी वह थी 1,800 km/h, सैटर्न Neptune के बाद दूसरा वह ग्रह है जहां पर हवा सबसे तेज चलती है।

Rings of Saturn planet

पूरे सौरमंडल में सैटर्न अकेला ऐसा ग्रह है जिसके रिंग्स साफ तौर पर उसके चारों ओर देखे जा सकते हैं। इसी वजह से यह सभी ग्रहों में बिल्कुल अलग दिखाई पड़ता है और इसकी रिंग्स ही इस ग्रह को एक अलग पहचान देती हैं। शनि के चारों ओर बनी हुई इस रिंग में अनगिनत पार्टिकल्स मौजूद होते हैं इन पार्टिकल्स का साइज माइक्रोमीटर जितना छोटा होता है और कुछ छोटे पिंड भी होते हैं जिनका साइज 1 मीटर तक भी होता है।
यह सभी मिलकर सैटर्न की रिंग्स को आकार देते हैं। यह रिंग्स बहुत ही ज्यादा रोशनी को रिफ्लेक्ट करते हैं जिसकी वजह से सैटर्न प्लैनेट पूरे सोलर सिस्टम में बहुत ब्राइट दिखाई देता है।

Moons of Saturn

Saturn Planet पर सौरमंडल के बाकी ग्रहण के मुकाबले सबसे ज्यादा नेचुरल सैटेलाइट मौजूद है। बहुत सारे छोटे-छोटे पिंड सैटर्न की ऑर्बिट में चक्कर लगाते हैं। इसकी ऑर्बिट में अब तक 146 ऐसे पिंड हैं जिनको इसके नेचुरल सैटेलाइट का दर्जा प्राप्त है। इस ग्रह का सबसे बड़ा चंद्रमा है जो की साइज में मरकरी से भी ज्यादा बड़ा है। और यह गैनीमेड के बाद सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा चंद्रमा है।

Exploration of Saturn

पुराने समय में एस्टॉनोमर्स ने सैटर्न के बारे में बहुत रिसर्च की थी और इसके बारे में जानने की कोशिश की थी। गैलीलियो गैलिली ने 1610 में सैटर्न के रिंग्स का पता लगा दिया था लेकिन वो यह समझने में असमर्थ रहे थे कि इन रिंग्स में क्या है। स्पेस टेक्नोलॉजी आने के बाद इसको और भी अच्छे से एक्सप्लोर करने की कोशिश की जाती।

1973 मैं पहली बार सैटर्न की ओर एक मिशन भेजा गया जिसका नाम था Pioneer 11. यह 1979 में सैटर्न तक पहुंच गया था और इसने सैटर्न की स्टडी करना शुरू किया। इस मिशन ने सैटर्न की कई सारी तस्वीरें और सेटिंग के चंद्रमा की तस्वीर वैज्ञानिकों को भेजी।

1980 में वाइजर वन मिशन सेटर्न तक पहुंचा और इसने सैटर्न की काफी हाई रेजोल्यूशन वाली इमेज भेजीं। 1 July 2004 में Cassini–Huygens space probe सैटर्न की ऑर्बिट में पहुंचा और इसने इस ग्रह की स्टडी शुरू की। इस मिशन की एक बहुत बड़ी अचीवमेंट थी शनि ग्रह के चांद टाइटन की एक्सप्लोरेशन करना।

शनि ग्रह के कुल कितने चंद्रमा हैं?

शनि ग्रह के कुल 146 चंद्रमा हैं। जोकि हमारे सौरमंडल में एक ग्रह के सबसे ज्यादा चंद्रमा हैं।

शनि ग्रह पर कितने मिशन भेजे जा चुके हैं?

शनि ग्रह पर अभी तक 4 मिशन भेजे जा चुके हैं।
1. Pioneer 11 Mission
2. Voyager 1 Mission
3. Voyager 2 Mission
4. Cassini Mission

शनि गृह का सबसे बड़ा चाँद कौन सा है?

शनि गृह का सबसे बड़ा चाँद टाइटन है जिस पर मीथेन की नदियाँ बहती हैं। माना जा रहा है कि टाइटन पर जीवन संभव हो सकता है और इसीलिए नासा टाइटन पर DragonFly Mission भेजने की तैयारी कर रहा है।

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